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Difference between paramilitary and 🪖 Army or Military


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सेना और पैरामिलिट्री बल के बीच अंतर है। सेना का काम देश को सभी प्रकार के बाहरी खतरों से बचाना होता है जबकि पैरामिलिट्री बल को देश के नागरिकों को आंतरिक हिंसा, जातीय दंगों आदि से सुरक्षित करने का कार्य सौंपा जाता है।

सेना देश की सीमाओं की रक्षा, समुद्री सीमाओं की निगरानी, आक्रमणों का सामना, और देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा का जिम्मा लेती है। यह अपने सदस्यों को सशक्त और तैयार रखने के लिए स्वतंत्र रूप से अपनी सेवाएं प्रदान करती है। भारतीय सेना की मुख्य शाखाएं इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी, और इंडियन एयर फोर्स हैं।

पैरामिलिट्री बल देश के आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं। इनका काम जनसमुदाय को आतंकवाद, जातिगत दंगों, और अन्य आंतरिक खतरों से सुरक्षित रखना होता है। ये सरकारी संगठन होते हैं और उनका नियंत्रण सरकार द्वारा होता है। पैरामिलिट्री बल का उदाहरण भारत में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF), इंडो-तिब्बती बॉर्डर पुलिस (ITBP), और सशस्त्र सीमा बल (SSB) हैं।

संक्षेप में, सेना देश की बाहरी सुरक्षा का ध्यान रखती है जबकि पैरामिलिट्री बल देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह दोनों ही संगठन अपने क्षेत्र में लोगों की सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


सेना में सेना की मुख्य भूमिकाएँ निम्नलिखित होती हैं:


1. रक्षा: सेना की प्रमुख भूमिका होती है देश की सुरक्षा और रक्षा करना। यह देश की सीमाओं की रक्षा, समुद्री सीमाओं की निगरानी, और आक्रमणों का सामना करती है।


2. युद्ध प्रियोजनाएँ: सेना युद्ध प्रियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करती है, जैसे कि युद्ध, सीमा संघर्ष, और अन्य संघर्षों में सक्रिय भाग लेना।


3. शांति स्थापना: सेना शांति स्थापना के लिए भी काम करती है, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय शांति संरक्षण शक्ति के रूप में। यह युद्ध के पश्चात स्थिति को स्थायी करने और संघर्ष के बाद सुलह की अवधारणा में सहायता करती है।


4. विज्ञान और प्रौद्योगिकी: सेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार के लिए भी अहम भूमिका निभाती है। यह नए हथियार, सुरक्षा तंत्र, और अन्य तकनीकी उपकरणों का विकास करती है।


5. सामरिक तंत्र: सेना विभिन्न विधियों के माध्यम से आपसी तंत्र का विकास करती है ताकि युद्ध में पराजय को रोका जा सके। यह संयुक्त युद्ध, साइबर युद्ध, और गुटबंधन की तकनीकों का अभ्यास करती है।


सेना की यह भूमिकाएँ देश की सुरक्षा, शांति, और स्थिरता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।


सभी पैरामिलिट्री बलों की मुख्य भूमिकाएँ निम्नलिखित हैं:


1. आंतरिक सुरक्षा: सभी पैरामिलिट्री बल देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे आतंकवाद, जातिगत दंगों, नक्सलवाद, और अन्य आंतरिक सुरक्षा समस्याओं के साथ लड़ने के लिए सक्षम होते हैं।


2. सीमा सुरक्षा: पैरामिलिट्री बल देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। वे सीमाओं पर अप्रवेश, तस्करी, अवैध गतिविधियों, और सीमांत उत्पीड़न के खिलाफ लड़ते हैं।


3. आपदा प्रबंधन: पैरामिलिट्री बल आपातकालीन स्थितियों में भूकंप, बाढ़, तूफान, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत, बचाव, और पुनर्वास के लिए कार्रवाई करते हैं।


4. वीआईपी सुरक्षा: वे महत्वपूर्ण व्यक्तियों, अधिकारियों, और विपणन की वेबसाइटों की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।


5. विशेषीकृत ऑपरेशन्स: कुछ पैरामिलिट्री बल विशेषकृत क्षमताओं जैसे कि जंगल युद्ध, गुजरा, दक्षिणपंथी उप्रोध, आदि के लिए तैयार किए गए होते हैं।


6. बड़ी घटनाओं में सुरक्षा: ये बल बड़ी आमजन सभाओं, राजनैतिक घटनाओं, धर्मीय और सांस्कृतिक मेलों, और अन्य सार्वजनिक आयोजनों की सुरक्षा के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।


7. परिचालनिक कार्य: इन बलों का भी अपना स्वतंत्र परिचालनिक और प्रशासनिक नेतृत्व होता है, जो कि सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों और दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करते हैं।


इन सभी पैरामिलिट्री बलों की भूमिका है देश की सुरक्षा और शांति को सुनिश्चित करना, और अन्य कानूनी अधिकारियों के साथ मिलकर सामाजिक सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता को बनाए रखना।


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